Thursday, 8 January 2009

मुख्‍यमंत्री के नाम पत्र

28 नवंबर 2008
आदरणीय नीतीश जी,
24 नवंबर 2008 को आपने बतौर मुख्‍यमंत्री तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया। अखबारों में निकले बडे-बडे विज्ञापनों को हमने देखा जो आपकी सरकार के कार्यों का बखान कर रहे हैं। और हमने इनकी सच्चाई भी देखी है । हमने आपके तीन वर्ष के कार्यकाल को काफी उत्‍सुकता से देखा है । देखने का कारण भी था, हमारी कल्पना ने भी आपसे ज्‍यादा उम्‍मीदें की थीं। आप गंभीर अनुभवी और नए विचारो के धनी हैं। आपके इन्ही गुणों के कारण हमने आपको चुना था। उस वक्त लगा कि हमारे बिहार को भी एक स्पार्टन मिल गया है। हमारे बिहार को भी एक नेहरु मिल गया है। आपके कार्यकाल के हर दिन को हमने बडी उत्सुकता से देखा है। इन तीन वर्षों में हमने बहुत कुछ खोया, बहुत कुछ पाया। महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने वाला बिहार पहला राज्य बना। शिक्षकों की भी खूब बहाली हुई। कॉलेजों में नियमित कक्षाएं भी चलने लगीं। आपने कानून व्‍यवस्‍था की भी स्थिती कुछ हद तक ठीक की।
अस्पतालोंकी भी हालत अच्छी हुई। सडकों को भी ठीक किया गया। कुल मिलाकर आपने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक हो रहा है। हमने इन दिनों बाढ की विभिषिका भी झेली। साथ ही अपने छात्र भाइयों का असम और महाराष्‍ट्र में अपमान भी झेला। महाराष्‍ट्र हो या बाढ दोनों ही बार काम से ज्‍यादा हमने राजनीति देखी।
आप जब सत्‍ता में आए तो आपने विकास की बात की जैसे नब्बे के दशक में सत्‍ता में आने पर लालू जी ने सामाजिक न्‍याय की बात की थी। उन्होनें सामाजिक न्‍याय का कितना ख्याल रखा यह भी हम सभी जानते हैं। आपके भी कार्यकाल के तीन साल पूरे हो चुके हैं। आधे कार्यकाल से ज्यादा वक्त गुजर चुका है। विकास की बात करें तो आधे बिहार का भी विकास नहीं हुआ है। जो कार्य आपने आरंभ करवाए थे वो या तो बंद हैं या फिर धीमी गति से चल रहे हैं। कानून व्यवस्‍था भी चरमराने लगी है। यह सब मिसमैनेजमेंट के कारण हो रहा है। हमने आपको स्पार्टन की तरह देखा था। स्‍पार्टन यूनान के स्पार्टा शहर के लोगों को कहते थे। वो काफी अच्छे लडाके होते थे। हमने भी सोचा था कि आप भी स्पार्टन की तरह बिहार की गरीबी और भ्रष्‍ट व्यवस्था से लडेंगे।
एक स्पार्टन के साथ स्पार्टन ही होता है। आपके मंत्रीमंडल में भी एक दो को छोडकर कोई भी आप जैसा नहीं दिख रहा। आपको जनता के सपनों को पूरा करने के लिए एक मजबूत टीम बनानी चाहिए थी। आपके कार्यकाल के बचे हुए दो सालों में क्‍या कुछ हो पाएगा ये आप भी जानते है ।
हमने इधर कुछ समाचार पत्रिकाओं में आपसे संबंधित कुछ लेख पढे। जॉच पडताल करने पर पता चला कि उन लेखों के तथ्य बिल्कुल सही हैं।
नीतीश जी, जात-पात बिहार के लिए कोढ है। नया बिहार इनके बिना दिखना चाहिए। हम छात्र हैं और कम से कम हमें तो जात.पात वाला बिहार नहीं चाहिए। बिहार का विकास करना है तो आप जात-पात छोडें। लालू जी को हटाने के बाद हमने आपमें उम्‍मीदें देखीं थीं। नीतीश जी बिहार को गंदी राजनीति की नही बल्कि एक मजबूत नीति की जरुरत है।
अब आप काम करके दिखाएं। आप कहते है कि बिहारियों में काफी प्रतिभा है। हम भी कहतें है कि हमारे मुख्‍यमंत्री काफी प्रतिभाशाली हैं। नीतीश जी आप हर बिहारी के दिल में हैं। आप औरों की तरह ओछी राजनीति ना करें। बडे विज्ञापनों ने कुछ नहीं होता जनता देख रही है आपके कामों को। अभी भी हमें आपसे काफी उम्‍मीदें हैं। देखा जाए तो दो वर्षों में भी काफी कुछ हो सकता है। आपमें हमारा पूरा विश्‍वास है, उसे पूरा करें।

आपका,

आलोक

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